आज खत्म हुआ साल का पहला सूर्य ग्रहण, बिहार पर नहीं पड़ा कोई असर

साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार को सावित्री पूजा के मौके पर लगा। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं और आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन इसका असर गया समेत पूरे बिहार पर पड़ने वाला नहीं था. बिहार में ग्रहण दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं था।

आज खत्म हुआ साल का पहला सूर्य ग्रहण, बिहार पर नहीं पड़ा कोई असर

साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण गुरुवार को सावित्री पूजा के मौके पर लगा। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं और आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन इसका असर गया समेत पूरे बिहार पर पड़ने वाला नहीं था. बिहार में ग्रहण दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं था। सूतक काल में धार्मिक कार्यों का निषेध होता है, लेकिन इसके मान्य न होने के कारण गुरुवार को वट सावित्री पूजा और शनि जयंती मनाने पर कोई रोक नहीं है।

गुरुवार को ग्रहण दोपहर 1:42 बजे से शाम 6:41 बजे तक

गुरुवार को कंकणकृति सूर्य ग्रहण लगा। केवल बिहार में ही नहीं, भारत में कहीं भी ऐसा नहीं देखा गया है। यही कारण है कि ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य नहीं होता है। वैसे ज्योतिषियों ने वृष, कर्क, तुला, धनु और मीन राशि के लोगों को सावधान रहने की सलाह दी थी। सूर्य ग्रहण का समय दोपहर 01:42 बजे से शाम 06:41 बजे तक बताया गया था। यह ग्रहण वृष और मृगशिरा नक्षत्र में हुआ था।

जानिए कहां देखा गया साल का पहला सूर्य ग्रहण

यह बड़ी बात है कि ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को साल का पहला सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा गया। इसके अलावा, यह कनाडा के उत्तर-पूर्वी भाग, रूस, मंगोलिया, चीन के पश्चिमी भाग और ग्रीनलैंड के सभी भागों में देखा गया। यह भारत में नहीं दिखा।

अखंड भाग्य के लिए महिलाएं कर रही हैं वट सावित्री व्रत

अखंड भाग्य की कामना करने वाली विवाहित महिलाएं रोहिणी नक्षत्र और धृति योग में वट सावित्री का व्रत रखती हैं. ग्रह के गोचर के अनुसार इसे एक शुभ संयोग माना गया था। शनि भक्तों के लिए भी यह संयोग शुभ साबित हुआ। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या ने सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रवेश किया है। इस दौरान चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृष राशि में रहेगा। सूर्योदय के समय बुधादित्य योग से वट सावित्री पूजा का महत्व बढ़ जाता है। इसका उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। ज्योतिषियों का मानना ​​है कि जो महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं उनकी आयु लंबी होती है। इनके वंश में वृद्धि से दाम्पत्य जीवन सुखमय हो जाता है। दाम्पत्य जीवन में आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है।