Lunar eclipse 2021: वृश्चिक राशि में लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें सब कुछ
ज्योतिष में सूर्य या चंद्र ग्रहण का संबंध राहु और केतु इन दो ग्रहों के अशुभ प्रभाव को बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र यह मानता है कि ग्रहण की दोनों ही स्थितियों में केतु का प्रभाव राहु पर बहुत होता है।

चंद्र ग्रहण अथवा सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिक लोग महज एक खगोलीय घटना के रूप में देखते हैं। साथ ही कहते हैं कि जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक ही सीध में आ जाए तब वह स्थिति चंद्र ग्रहण कहलाती है। जबकि ज्योतिष शास्त्र ग्रहण को महज एक खगोलीय घटना के रूप में न देखकर विस्तृत रूप में देखती है। इसके अलावा वैज्ञानिक सूर्य या चंद्र ग्रहण को देखने की अनुमति देता है जबकि ज्योतिष शास्त्र में किसी भी ग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूर्णतः निषेध बताया गया है। साथ ही ज्योतिष में सूर्य या चंद्र ग्रहण का संबंध राहु और केतु इन दो ग्रहों के अशुभ प्रभाव को बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र यह मानता है कि ग्रहण की दोनों ही स्थितियों में केतु का प्रभाव राहु पर बहुत होता है जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अतः ग्रहण को देखने से पीड़ा और भी अधिक बढ़ जाती है।
कब लगेगा 2021 का पहला चंद्र ग्रहण
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक इस साल का पहला चंद्र ग्रहण आने वाले 26 मई को लगेगा। इस चंद्र ग्रहण का असर राशि चक्र की सभी राशियों पर होगा। वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर लगने वाले इस चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है। ऐसा में जो लोग इस राशि से संबंधित हैं उन्हें खास सतर्क रहना होगा।
ग्रहण का होता है मन पर असर
ज्योतिष के जानकार पंडित धनंजय पांडेय ने बताया कि चंद्रमा मन का कारक है। जब कोई व्यक्ति राहु-केतु की बुरी दशा से पीड़ित रहता है तो ग्रहण का सीधा प्रभाव संबन्धित व्यक्ति के मन पर पड़ता है। इसलिए ग्रहण के दौरान खुद को बिल्कुल शांत रखना चाहिए।
ग्रहण व सूतक काल का समय
हिंदी पंचांग के मुताबिक इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर संध्या काल 07 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। यानी ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी। वहीं यह ग्रहण भारत में उपच्छाया के तौर पर दिखाई देगा। जिस वजह से भारत में सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। बात दें कि जब पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है तो वैसी स्थिति में सूतक काल 9 घंटे पहले ही प्रभावी हो जाता है।
इन जगहों पर प्रभावी होगा चंद्र ग्रहण
इस साल का पहला चंद्र ग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा। वहीं भारत में यह चंद्र ग्रहण उपछाया अथवा आंशिक ग्रहण के तौर पर दिखाई देगा।